आया रे फिर वही मौसम आया रे फिर वही मौसम झूमता मौसम, आया रे हो चमका रे फिर वो ही तारा, पूर्व में चमका रे। 1 लाई बड़े दिन का संदेष ठंडी-ठंडी चलती हवा, जागो रे सोने वालो, जागो आकाष धरा, जन्मा रे, जन्मा मुक्तिदाता, येसु जन्मा रे। 2 मन की चरनी में उसे, आज लेने दो जन्म फिर तो इस घर में कभी, रोषनी होगी न कम, धरती पे, आया एक साथी, गा उठे चाँद-तारे। 3 जल की कोई धारा सुनो, प्यासों की प्यास बुझे, रंग-जाति का न भेद, कोई भी आये पीये, बहती है, बहती निर्मल धारा, येसु सबको पुकारे।